छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतीक चिन्ह क्या हैं? राज्य संगठन पूरी जानकारी 2020
छत्तीसगढ़ का प्रतीक चिन्ह :-
छत्तीसगढ़ का प्रतीक चिन्ह 36 गढ़ो से घिरी हुई एक गोलाकार आकृति हैं, जिसके मध्य में भारत का प्रतीक अशोक स्तंभ, उसके आजु बाजु धान की बालियाँ, अशोक स्तंभ के ठीक नीचे नदियों को रेखांकित करती हुई लहरे और नदियों के चिन्ह को दोनों तरफ ऊर्जा चिन्ह को अंकित किया गया हैं।
छत्तीसगढ़ के प्रतीक चिन्ह को राज्य शासन द्वारा 4 सितंबर सन् 2007 स्वीकार किया गया।
● 36 गढ़ो से घिरा हुआ गोलाकार चिन्ह - हरा रंग
● मध्य में भारत का प्रतीक अशोक स्तंभ - लाल रंग
● धान की बालियाँ - सुनहरा रंग
● ऊर्जा - नीला रंग
● नदियों को रेखांकित करती हुई लहरें - तिरंगे के रंग में
छत्तीसगढ़ राज्य👇(एक नया जिला)
राजकीय पशु :-
छत्तीसगढ़ का राजकीय पशु जंगली भैंसा (Bubalus Bubalise) हैं।
राजकीय पक्षी :-
छत्तीसगढ़ का राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना (Gracula Religiosa Peninsularis) हैं।
राजकीय वृक्ष :-
छत्तीसगढ़ का राजकीय वृक्ष साल वृक्ष (Shores Robusta) हैं।
साल वनों का द्वीप कहते हैं - बस्तर।
राजकीय प्रतीक वाक्य :-
छत्तीसगढ़ का राजकीय प्रतीक वाक्य गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ हैं।
राजकीय गीत :-
छत्तीसगढ़ का राजकीय गीत अरपा पैरी के धार हैं। (डाॅ. नरेन्द्र देव वर्मा)
छत्तीसगढ़ की आकृति समुद्री घोड़े के समान हैं, जिसे हार्स भी कहा जाता हैं।
राजकीय भाषा :-
छत्तीसगढ़ की भाषा को राज भाषा के रूप में दर्जा मिला हैं। 28 नवम्बर सन् 2007 को छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के गठन हेतु विधेयक को छत्तीसगढ़ विधानसभा में पारित किया गया। इसलिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा हर साल 28 नवम्बर को राजभाषा दिवस के रूप में मनाया जाता हैं।
छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग :-
छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग, छत्तीसगढ़ का एक महत्वपूर्ण संगठन हैं, जो छत्तीसगढ़ की भाषा को भारत के संविधान की 8वीं अनुसूची में एक विशेष दर्जा दिलाता हैं। जो अगस्त 2008 में गठित किया गया था।
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विधेयक का नाम - छत्तीसगढ़ राजभाषा विधेय 2007
विधेयक पारित - 28 नवम्बर सन् 2007
राजभाषा दिवस - 28 नवम्बर
छत्तीसगढ़ राजभाषा - अगस्त 2008 (आयोग गठन)
प्रथम बैठक - 14 अगस्त 2008
छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग उद्देश्य :-
- राजभाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में दर्जा दिलाना।
- छत्तीसगढ़ भाषा को राजकाज की भाषा के उपयोग में लाना।
छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के :-
● प्रथम अध्यक्ष - पंडित श्यामलाल चतुर्वेदी (2008-2011)
● द्वितीय अध्यक्ष - दानेश्वर शर्मा (2011- 2013)
● तृतीय अध्यक्ष - विनय कुमार पाठक (2016- 2018)
● प्रथम सचिव - डॉ सुरेन्द्र दुबे।
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